Auto Ka Kiraya Chudai Kar Ke Diya-ऑटो का किराया चुदाई कर के दिया
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम शिखा धामी है। मैं यू पी की रहने वाली हूँ। आज मैं आप लोगों के सामने अपनी चूत चुदाई की सच्ची सेक्स कहानी हिंदी में लेकर आई हूँ। उससे पहले मैं आप लोगों को बता दूँ कि मैंने पहले भी अपनी चूत के द्वार कई लंडों के लिए खोले हैं।
बात तब की है जब मैं 28 साल की नई नवेली दुल्हन थी, मैं अपने पति को अमेरिका जाने के लिये एयरपोर्ट छोड़ कर वापस टैक्सी में आ रही थी लेकिन मैं अपना पर्स अपने पति के सामान के साथ ही भूल आई थी।
मैं टैक्सी में बैठ कर निकल गई।
कुछ दूर जाकर मुझे याद आया कि मैं अपना पर्स तो पति के सामान के साथ ही छोड़ आई हूँ।
टैक्सी वाले लड़के से जब मैंने ये कहा, तो वो मुझ पर नाराज़ हो गया और किराया ना देने पर वहीं आधे रास्ते में ही छोड़ने की धमकी देने लगा। मैंने उसे मनाने की बहुत कोशिश की.. लेकिन वो नहीं माना। “Chudai Kar Ke Diya”
तब मैंने कहा- तुम जो चाहे वो कर सकते हो।
इस बात पर उसने मुझसे सीधे ही चुदने को कहा।
पहले तो मुझे ये सही नहीं लगा.. लेकिन थोड़ी देर बाद मान गई क्योंकि यह मेरी मज़बूरी थी। मेरी ‘हाँ’ सुनते ही उसने टैक्सी को एक बंद पड़ी फैक्ट्री की तरफ मोड़ दिया और मुझे गन्दी-गन्दी गालियाँ देने लगा।
मैं मन ही मन बहुत डरी हुई थी कि कहीं किसी को मेरी चुदाई के बारे में पता न लग जाए।
खैर.. ये डर भी निकल गया और हम बंद पड़ी फैक्ट्री के पास पहुँच गए। उसने मुझे उतरने को कहा और मुझे फैक्ट्री के अन्दर ले गया। अन्दर पहुँचते ही उसने मुझे दीवार से सटा दिया और मुझे चूमने लगा।
पहले तो मुझे ये सब अच्छा नहीं लगा.. लेकिन जब उसने हाथ मेरे बड़े-बड़े चूचों पर डाला तो मुझे कामुकता का अहसाह होने लगा और मैं भी उसका साथ देने लगी। कुछ ही समय में उसने मेरे कपड़े उतार दिए और मुझे केवल ब्रा और पेंटी में ला खड़ा किया।
मैं उसके हर एक स्पर्श पर मादक हुए जा रही थी। वो मुझे गालियों पे गालियाँ दिए जा रहा था। पर मुझे वो गालियाँ भी अच्छी लग रही थीं। उसका हाथ मेरी चूत का स्पर्श करे जा रहा था और मेरी चूचियों को दबाए जा रहा था.. जो मुझे गरम करने को काफी था।
तभी वो रुक गया और बाहर की ओर चला गया। मैं वहीं दीवार के सहारे खड़ी रही। दस मिनट बाद वो अन्दर आया और मेरी ब्रा-पेंटी को फाड़ कर मेरे बदन से दूर फेंक दिया। “Chudai Kar Ke Diya”
अब मैं उसके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। उसने झट से अपनी जिप खोली और एक ही झटके में अपना कड़ियल लंड मेरी चूत में फिट कर दिया। मैं दर्द के मारे चिल्लाने लगी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और उसके लंड को बाहर निकालने की कोशिश करने लगी, लेकिन ये सब बेकार था, उसने मुझे बहुत जोर से पकड़ा हुआ था।
कुछ देर बाद सब सामन्य हो गया और मैं मजे से चुदवाने लगी। मैं पहली बार खड़े-खड़े ही चुदवा रही थी, जो कि मेरा एक नया अनुभव था। कुछ मिनट बाद वो झड़ गया और उसका गर्म पानी मेरी चूत की गहराइयों में चला गया।
अभी मैं चुद कर फारिग ही हुई थी कि मैंने देखा कि मेरे सामने चार हट्टे-कट्टे मर्द एकदम नंगे खड़े थे उन सभी के लंड बहुत बड़े और एकदम सख्ती से फनफना रहे थे। “Chudai Kar Ke Diya”
अभी मैं टैक्सी ड्राईवर से कुछ पूछती उसने खुद ही हँसते हुए बताया- ये सब मेरे ही दोस्त हैं, आज ये सब तुम्हें चोदेंगे।
मैं बहुत डर गई।
लेकिन मेरी मजबूरी थी, मैं फ़ंसी हुई थी और अपनी मर्जी से यहाँ तक आई थी, उन टैक्सी ड्राईवरों ने मेरे जिस्म से खेला और मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया।
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